हस्तिनापुर। कैलाश पर्वत दिगंबर जैन मंदिर में चल रहे 48 दिवसीय भक्तामर विधान एवं पाठ के 27वें दिन बुधवार को सर्वप्रथम विधानाचार्य सुदीप शास्त्री द्वारा मांगलिक मंत्रों से क्रियाओं का शुभारंभ हुआ।
सौधर्म इंद्र बनने का सौभाग्य, स्वर्ण कलश से अभिषेक करने का माणिकचंद, शांतिधारा माणिक चंद, उत्कर्ष जैन, पीयूष जैन मेरठ, सूरज, आरु जैन, नीरज जैन को प्राप्त हुआ। दीप प्रज्ज्वलन मंजू जैन, शिल्पी, झलक, पलक जैन ने किया। ब्रह्मचारिणी सुनीता दीदी ने शांतिधारा का उच्चारण किया। आज 111 परिवारों की ओर से विधान का आयोजन कराया गया। भक्तामर पाठ का शुभारंभ आशु जैन, वीरेंद्र जैन शिक्षक हस्तिनापुर ने संस्कृत भाषा में किया।
आज विधान के मध्य रानी जैन एवं चंचल ने भजन प्रस्तुत किया। पूज्य गुरुवर श्री निर्वाण भूषण जी ने अपने मंगल उद्बोधन में कहा कि संयम ही पर्यावरण की सुरक्षा करने का सर्वश्रेष्ठ साधन है। कुछ नियम अपनाकर हम संयम के साथ ही वातावरण की सुरक्षा कर सकते हैं। यदि हम पृथ्वी का दोहन न करें, पानी बर्बाद न करें, वायु में प्रदूषण न फैलाएं, अग्नि का जरूरत भर ही इस्तेमाल करें तो हमारे संयमित जीवन से इन सबकी रक्षा हो सकती है। जिससे भयावह परिणामों से बच सकते हैं। आज के विधान का विसर्जन सुरेश सुराणा ने किया। पंच परमेष्ठी की आरती का दीप प्रज्ज्वलन कमला देवी, आशा देवी ने किया।
आदिनाथ भगवान की आरती का दीप प्रज्ज्वलन सुशीला ने किया। चौबीसों भगवान की आरती का दीप प्रज्ज्वलन आशु जैन हस्तिनापुर द्वारा किया गया। यहां मुकेश जैन, मनोज जैन, राजीव, सुभाष, प्रेम जैन आदि समेत क्षेत्र के अध्यक्ष विनोद जैन, महामंत्री मुकेश जैन, कोषाध्यक्ष राजेंद्र जैन, सह संयोजक मोतीलाल जैन, अनिल जैन, अरुण जैन मुजफ्फरनगर, धनप्रकाश जैन का सहयोग रहा।